सफलता के लिए धैर्य बहुत जरूरी है (Patience is very important for success)
दुनिया मे सफलता पाने के लिए धैर्य या धीरज (Patience) का होना
बहुत जरूरी होता है।
बहुत से ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें पूरा होने में काफी समय लगता है, ऐसे में यदि उस कार्य को करने वाले व्यक्ति में धैर्य (patience) नही है तो या तो वह उस कार्य को बीच मे ही छोड़ देगा या फिर कार्य को जल्दी पूरा करने की कोशिश करेगा और काम को आधा अधूरा ही पूरा कर सकेगा।
दोनों ही स्थिति में work सही से नही हो पायेगा और उस कार्य में (success) नही मिल पाएगी।
उदाहरण के लिए, यदि कार चलाना सीखना है तो आपको उसे सही से सीखने में कुछ दिन तो जरूर लगेगी यदि आप चाहें कि आप दो दिन में अच्छी तरह कार चलाना सीख जाए तो ऐसा नहीं हो सकता।
अब सोचिए आपने कार को सीखना शुरू किया और दो या तीन दिन में ही कार सही से नही सीख पाए और आपने उसे सीखना बंद कर दिया तो इसका मतलब है कि आपके अंदर धैर्य की बहुत कमी है।
यदि आपके अंदर धैर्य होता तो आप उसका इस्तेमाल करते और कम से कम एक महीना कार सीखने में लगाते, इसलिए कोई काम जितने समय मे सही तरीके से पूरा होता है उसे करने के लिए आपको उतना समय तो देना ही होगा।
हमारा patience ही हमे उस कार्य को सही समय मे और सही तरीके से करने के लिए प्रेरित करता है, अब यदि patience नही है तो सीधी सी बात है कि काम बिगड़ना या पूरा ना होना तय है।
चलिए मैं आपको एक प्रेरक कहानी के माध्यम से समझाने का प्रयास करता हु।
Motivational story in Hindi : एक गांव में राजू नाम का एक व्यक्ति अपनेे मा के साथ रहता था उसके घर में और कोई भी नहीं था,
तो राजू ही अपने घर में काम करता था,बाहर में काम करके वह अपने घर के खर्च चलाता था, वह जो कुछ भी काम करता उसे कुछ दिनों तक ही करता फिर उसमें सफल नहीं हो रहा हूँ करके वह फिर अपना काम बदल देता था। ऐसे करते वह बहुत सारे काम को बदल चुका था, वह बहुत परेशान हो चुका था उसे कुछ समझ मे नही आ रहा था।
फिर एक दिन अपने काम से थके हुए अपने घर जा रहा था तो रास्ते में उसने एक तालाब के किनारे एक बुजुर्ग व्यक्ति को देखा
जो ऊँची आवाज में चिल्लाता "जो चाहोगे सो पाओगे"!
उस रास्ते से गुजरने वाले लोग उसे पागल समझते थे, सब लोग उसकी बात सुनकर अनसुना कर देते थे, और जो लोग उसकी बात सुनते वो उस पर हँसते थे। फिर राजू जब वहाँ से गुजर रहा था तो उस बुजुर्ग व्यक्ति की आवाज सुनी वो बुजुर्ग व्यक्ति बार बार चिल्लाते हुए यही बोलता था कि "जो चाहोगे सो पाओगे!"
ये शब्द राजू हर रोज वहाँ से गुजरता तो सुनता लेकिन एक दिन वह बुजुर्ग व्यक्ति के पास गया और उससे पूछने लगा कि आप बहुत देर से "जो चाहोगे सो पाओगे" चिल्ला रहे हो मैं हर दिन यहाँ से गुजरते समय आपको ये चिल्लाते देखता हूं। क्या आप सच में मुझे वो दे सकते हो, जो मैं पाना चाहता हु?"
बुजुर्ग व्यक्ति ने बोला "हाँ बेटा, लेकिन पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम पाना क्या चाहते हो?
राजू बोला बाबा मैं कोई भी काम करता हु उसमे मैं सफल नही हो पा रहा हु मैं बहुत से काम को कर कर के परेशान हो गया हूं,और मैं चाहता हु की एक दिन मैं हीरो का बहुत बड़ा व्यापारी बनूँ, क्या आप मेरी ये इच्छा पूरी कर सकते हो,
बुजुर्ग व्यक्ति बोला "बिल्कुल बेटा" मैं तुम्हे एक हीरा और एक मोती देता हूं, उससे तुम जितने चाहे हीरे-मोती बना लेना, राजू उस बुजुर्ग व्यक्ति की बात ध्यान से सुन रहा था उसकी बात को सुनकर उसकी आँखों में आशा की ज्योति चमक उठी।
उसके बाद उस बुजुर्ग व्यक्ति ने राजू को कहा बेटा अपनी दोनों हाथ के हथेलियाँ को आगे बढ़ाओ, राजू ने अपनी हथेलियाँ उस बुजुर्ग के सामने कर दी फिर बुजुर्ग व्यक्ति ने पहले राजू की एक हथेली पर अपना हाथ रखा और बोला, "बेटा ये इस दुनियाँ का सबसे अनमोल हीरा है, इसे समय कहते हैं, इसे अपनी मुठ्ठी में जोर से जकड़ लो,इसके द्वारा तुम जितने चाहे उतने हीरे बना सकते हो इसे कभी अपने हाथ से निकलने मत देना कभी भी इसे व्यर्थ मत जाने देना"।
फिर बुजुर्ग ने अपना दूसरा हाथ राजू की दूसरी हथेली पर रखकर कहा "बेटा ये दुनिया का सबसे कीमती मोती है, इसे धैर्य कहते हैं, जब भी किसी कार्य में समय लगाने के बाद भी उचित परिणाम प्राप्त ना हो, तो इस धैर्य नामक मोती को धारण कर लेना, यह मोती तुम्हारे पास है तो तुम दुनिया में जो चाहे, वो हासिल कर सकते हो"।
राजू ने उस बुजुर्ग व्यक्ति की बात बड़ी ध्यान से सुनी और बहुत ही खुश हो गया बुजुर्ग की बात सुनकर क्योंकि राजू को उनकी बात स्पष्ट समझ में आ गई थी फिर राजू उस बुजुर्ग व्यक्ति को धन्यवाद कर के वहाँ से अपनी घर की ओर चल पड़ा उसे उसके जीवन की सफलता प्राप्ति के दो गुरुमंत्र मिल गए थे, उसने निश्चय किया कि वह कभी भी अपना समय व्यर्थ नही गवायेगा और कोई भी काम करेगा उसमे उसके उचित परिणाम तक हमेशा धैर्य से काम करेगा।
राजू ने उसके कुछ दिनों बाद उसने एक हीरे के बड़े व्यापारी के यहाँ काम करना प्रारंभ किया,
कुछ वर्षो तक वह धैर्य के साथ वह दिल लगाकर व्यवसाय का हर गुण सीखता रहा, और एक दिन अपनी मेहनत और लगन से धैर्य के साथ काम करने का एक उसे उचित परिणाम उसने अपने जीवन के सपने को साकार करते हुए कुछ वर्षो बाद हीरे का बहुत बड़ा व्यापारी बना
दोस्तो! हमेशा लक्ष्य प्राप्ति के लिए "समय और धैर्य"नाम के हीरे मोती अपने साथ रखे, अपना समय कभी भी व्यर्थ ना करे कोई भी काम कर रहे है उसमें एक उचित परिणाम तक धैर्य बनाये रखे, और कठिन समय में धैर्य का दामन ना छोड़े यकीन मानिए दोस्तो निश्चित रूप से सफलता अवश्य मिलेगी।
दोस्तों!इस छोटी से कहानी से आपको समझाने का प्रयास किया कि सफलता के लिए धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है हमारे जीवन के लिए उम्मीद करता हु आपको इस कहानी से कुछ सीखने को मिला होगा यदि अच्छी लगी हो तो comment में बताए और share जरूर करें।
राजू और उसकी माँ |
तो राजू ही अपने घर में काम करता था,बाहर में काम करके वह अपने घर के खर्च चलाता था, वह जो कुछ भी काम करता उसे कुछ दिनों तक ही करता फिर उसमें सफल नहीं हो रहा हूँ करके वह फिर अपना काम बदल देता था। ऐसे करते वह बहुत सारे काम को बदल चुका था, वह बहुत परेशान हो चुका था उसे कुछ समझ मे नही आ रहा था।
फिर एक दिन अपने काम से थके हुए अपने घर जा रहा था तो रास्ते में उसने एक तालाब के किनारे एक बुजुर्ग व्यक्ति को देखा
बुजुर्ग व्यक्ति |
जो ऊँची आवाज में चिल्लाता "जो चाहोगे सो पाओगे"!
उस रास्ते से गुजरने वाले लोग उसे पागल समझते थे, सब लोग उसकी बात सुनकर अनसुना कर देते थे, और जो लोग उसकी बात सुनते वो उस पर हँसते थे। फिर राजू जब वहाँ से गुजर रहा था तो उस बुजुर्ग व्यक्ति की आवाज सुनी वो बुजुर्ग व्यक्ति बार बार चिल्लाते हुए यही बोलता था कि "जो चाहोगे सो पाओगे!"
ये शब्द राजू हर रोज वहाँ से गुजरता तो सुनता लेकिन एक दिन वह बुजुर्ग व्यक्ति के पास गया और उससे पूछने लगा कि आप बहुत देर से "जो चाहोगे सो पाओगे" चिल्ला रहे हो मैं हर दिन यहाँ से गुजरते समय आपको ये चिल्लाते देखता हूं। क्या आप सच में मुझे वो दे सकते हो, जो मैं पाना चाहता हु?"
राजू और बुजुर्ग व्यक्ति |
बुजुर्ग व्यक्ति ने बोला "हाँ बेटा, लेकिन पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम पाना क्या चाहते हो?
राजू बोला बाबा मैं कोई भी काम करता हु उसमे मैं सफल नही हो पा रहा हु मैं बहुत से काम को कर कर के परेशान हो गया हूं,और मैं चाहता हु की एक दिन मैं हीरो का बहुत बड़ा व्यापारी बनूँ, क्या आप मेरी ये इच्छा पूरी कर सकते हो,
बुजुर्ग व्यक्ति बोला "बिल्कुल बेटा" मैं तुम्हे एक हीरा और एक मोती देता हूं, उससे तुम जितने चाहे हीरे-मोती बना लेना, राजू उस बुजुर्ग व्यक्ति की बात ध्यान से सुन रहा था उसकी बात को सुनकर उसकी आँखों में आशा की ज्योति चमक उठी।
उसके बाद उस बुजुर्ग व्यक्ति ने राजू को कहा बेटा अपनी दोनों हाथ के हथेलियाँ को आगे बढ़ाओ, राजू ने अपनी हथेलियाँ उस बुजुर्ग के सामने कर दी फिर बुजुर्ग व्यक्ति ने पहले राजू की एक हथेली पर अपना हाथ रखा और बोला, "बेटा ये इस दुनियाँ का सबसे अनमोल हीरा है, इसे समय कहते हैं, इसे अपनी मुठ्ठी में जोर से जकड़ लो,इसके द्वारा तुम जितने चाहे उतने हीरे बना सकते हो इसे कभी अपने हाथ से निकलने मत देना कभी भी इसे व्यर्थ मत जाने देना"।
फिर बुजुर्ग ने अपना दूसरा हाथ राजू की दूसरी हथेली पर रखकर कहा "बेटा ये दुनिया का सबसे कीमती मोती है, इसे धैर्य कहते हैं, जब भी किसी कार्य में समय लगाने के बाद भी उचित परिणाम प्राप्त ना हो, तो इस धैर्य नामक मोती को धारण कर लेना, यह मोती तुम्हारे पास है तो तुम दुनिया में जो चाहे, वो हासिल कर सकते हो"।
राजू ने उस बुजुर्ग व्यक्ति की बात बड़ी ध्यान से सुनी और बहुत ही खुश हो गया बुजुर्ग की बात सुनकर क्योंकि राजू को उनकी बात स्पष्ट समझ में आ गई थी फिर राजू उस बुजुर्ग व्यक्ति को धन्यवाद कर के वहाँ से अपनी घर की ओर चल पड़ा उसे उसके जीवन की सफलता प्राप्ति के दो गुरुमंत्र मिल गए थे, उसने निश्चय किया कि वह कभी भी अपना समय व्यर्थ नही गवायेगा और कोई भी काम करेगा उसमे उसके उचित परिणाम तक हमेशा धैर्य से काम करेगा।
राजू ने उसके कुछ दिनों बाद उसने एक हीरे के बड़े व्यापारी के यहाँ काम करना प्रारंभ किया,
राजू व्यापारी के दुकान में |
कुछ वर्षो तक वह धैर्य के साथ वह दिल लगाकर व्यवसाय का हर गुण सीखता रहा, और एक दिन अपनी मेहनत और लगन से धैर्य के साथ काम करने का एक उसे उचित परिणाम उसने अपने जीवन के सपने को साकार करते हुए कुछ वर्षो बाद हीरे का बहुत बड़ा व्यापारी बना
राजू की दुकान |
दोस्तो! हमेशा लक्ष्य प्राप्ति के लिए "समय और धैर्य"नाम के हीरे मोती अपने साथ रखे, अपना समय कभी भी व्यर्थ ना करे कोई भी काम कर रहे है उसमें एक उचित परिणाम तक धैर्य बनाये रखे, और कठिन समय में धैर्य का दामन ना छोड़े यकीन मानिए दोस्तो निश्चित रूप से सफलता अवश्य मिलेगी।
दोस्तों!इस छोटी से कहानी से आपको समझाने का प्रयास किया कि सफलता के लिए धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है हमारे जीवन के लिए उम्मीद करता हु आपको इस कहानी से कुछ सीखने को मिला होगा यदि अच्छी लगी हो तो comment में बताए और share जरूर करें।
Bahot achha hai story
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