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मंगलवार, 2 जून 2020

समय की कीमत(time value)

समय की कीमत(time value)

दोस्तों हम अक्सर किसी भी तरह के कही प्राइवेट नौकरी करते रहते है तो कई बार ऐसा होता है,की हम उसमें इतना busy हो जाते है कि अपने परिवार वालो को समय नहीं दे पाते है।

दोस्तों कितना भी बड़ा काम या कोई सा भी काम क्यों ना करें लेकिन अपने परिवार को भी समय देना जरुरी है, इस जीवन के भाग दौड़ में ये भूलना नहीं चाहिए कि परिवार को समय देना भी बहुत जरूर होता है।

दोस्तों समय हमारे लिए कितना जरुरी होता है आज एक कहानी के द्वारा इसे समझने का प्रयाश करेंगे तो चलिए दोस्तों आपका ज्यादा समय ना लेते हुए आज की कहानी को शुरू करते है।
समय की कीमत(time value)
समय की कीमत(time value)

Motivational story in Hindi:-
राजू नाम का एक लड़का अपने परिवार के साथ रहता था उसके परिवार में उसकी पत्नी उसके माता पिता और 6 साल का एक बच्चा रहता था,वह एक शहर में एक बड़ी ऑफिस में प्राइवेट नौकरी करता था।

वह अधिकतर अपने ऑफिस के काम से ज्यादातर वह अपने घर देर से ही जाता था,और जब घर जाता तो थका हुआ परेशान सा लगता,

उसको ऐसे परेशान देख कर उसके घर वाले भी परेशान हो जाते पुरे समय ऑफिस के कामो से थका हुआ रहता है,फिर वह घर जाकर खाना खाकर सो जाता था।

वह हर दिन ऐसी ही देर तक अपने ऑफिस का काम करता फिर घर आता वह ऐसी परेशान रहता,लेकिन इसके अलावा वह और कुछ कर भी नहीं सकता था प्राइवेट नौकरी था तो ये सब तो करना ही था।

वह अपने प्रतिदिन की यही कामो की वजह से अपने परिवार के बीच ज्यादा समय नहीं दे पाता था,एक दिन अचानक वह अपने ऑफिस से जल्दी आ जाता है और वह खाना खाकर वह अपने सोफे पर बैठता है,

 तभी उसके 6 साल का बच्चा आया और बोला -पापा आज आप ऑफिस से जल्दी आ गए चलो ना मुझे आप कही बाहर घुमाने ले चलो ना,

राजू आज ऑफिस से जल्दी तो आ गया था लेकिन वह काफी थका हुआ था वह आराम करना चाहता था,वह अपने बेटे को ये कहते हुए मना कर दिया की फिर कभी चलेंगे बेटा आज नहीं,

 तुम अभी जाकर सो जाओ सुबह स्कूल जाना है करके -फिर उसके बेटे ने फिर से जिद्द करते हुए बोला पापा चलो ना कितना दिन हो गया आपने मुझे बाहर लेके नहीं गए हो,

 लेकिन बार बार ऐसे जिद्द करने पर राजू गुस्सा हो और अपने बेटे को डाट कर उसको जाकर सोने को कहा फिर उसका बेटा सिर लटका कर उदास होकर अपने कमरे में आ गया,

उसके कमरे में जाने के बाद राजू को लगा की उसे अपने बच्चे को डांटना नहीं चाहिए था,ये सोच कर वह अपने बेटे के पास गया और जाकर कहा बेटा sorry मै बहुत थका हुआ हु,इसलिए बाहर नहीं जा सकता इसलिए गुस्सा कर दिया हम लोग फिर कभी चलेंगे।

ये सुन कर बच्चा बोला -पापा आप एक घंटे में कितना कमाते हो राजू ने हँसते हुए कहा बेटा 500 रूपये करके फिर इतने में थोड़ी देर बाद वह बच्चा सो गया।

 फिर उसके बाद फिर कुछ दिन तक राजू देर से ही घर आने लगा फिर एक दिन वह अचानक अपने ऑफिस से घर जल्दी आ जाता है लेकिन उस दिन भी थका हुआ परेशान सा था,

 उसके घर पहुंचते ही उसका बेटा उसके पास आया और बोला ''पापा मुझे 250 रूपये चाहिए'' राजू ने फिर से अपने बेटे को डाट दिया की इतने पैसे का क्या करेगा जरूर कुछ फालतू से खिलौने को खरीदना होगा तुझे मेरे पास तुम्हारे फालतू चीजों को खरीदने के लिए पैसे नहीं है।

 बच्चे ने डाट सुनने के बाद फिर से बोला पापा मुझे 250 रूपये दे दीजिये ना करके लेकिन राजू इस बार ज्यादा गुस्सा होते हुए बोला नहीं मिलेगा तुम्हारे फालतू से खिलौने के लिए जाओ जाकर सो जाओ सुबह स्कूल जाना है तुम्हे।

बच्चा उदास हो गया और रोते हुए अपने कमरे में चला गया थोड़ी देर बाद राजू को अहसास हुआ वह इतना काम करता है,इतना कमाई करता है,वह अपने बच्चे के लिए अपने परिवार के लिए ही तो इतना काम करता है।

फिर वह अपने बेटे के पास गया  बोला sorry बेटा मै थका हुआ था इसलिए गुस्सा कर दिया,फिर बोला अच्छा ये बताओ- तुम्हे 250 रूपये क्यों चाहिए बच्चा बेड से उठा फिर बोला पहले आप मुझे 250 दो,

 राजू ने अपने जेब से निकाल कर 250 रूपये दिया उसके बाद बच्चा अपने स्कूल बेग से 250 रूपये निकाला और वह अपने बेग से निकाले 250 रूपये और अपने पापा के दिए हुए 250 रूपये दोनों को अपने पापा को दिया राजू ने कहा बेटा जब तुम्हारे पास पैसे थे तो मुझसे क्यू मांग रहे थे,

बच्चे ने कहा आप अपने ऑफिस में 500 रूपये घंटे कमाते हो ना ये 500 रूपये रख लो और कल आप अपने ऑफिस से एक घंटे पहले आ जाना जिससे हम दोनों कल बाहर घूमने जा सकें

बच्चे की बात सुनते ही राजू भावुक हो गया और बच्चे को गले से लगा लिया राजू को समझ में आया की वह जिंदगी की भाग दौड़ में अपने परिवार को समय ना देकर क्या खो रहा है।

उम्मीद करता हु दोस्तों आज की कहानी से आप बहुत प्रेरित हुए होंगे आपको ये कहानी कैसी लगी comment करके बताये और share जरूर करें। 

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