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शुक्रवार, 15 मई 2020

छोटे छोटे मौके या अवसर में भी सफलता के रास्ते ढूंढें(Find ways to succeed even in the smallest chance or opportunity)

छोटे छोटे मौके या अवसर में भी सफलता के रास्ते ढूंढें (Find ways to succeed even in the smallest chance or opportunity)

दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि हम बड़ी सफलता हासिल करने की लक्ष्य के कारण हमारे सामने आने वाले बहुत से छोटे छोटे अवसरों को हम खो देते है,हो सकता है उन छोटी अवसरों के माध्यम से ही हम सफल हो जाये चलिए इसको एक छोटी सी कहानी के माध्यम से समझने का प्रयाश करते है।
Motivational story in Hindi

Motivational story in Hindi:-
एक गांव में 2 मित्र रहते थे राजू और रामु उन लोग एक बार मछली पकड़ने का सोचे फिर दोनों अपने गांव के थोड़े दूर आगे एक नदी था वहा दोनों मछली पकड़ने गए दोनों काफी उत्साह में थे और जल्द से जल्द कोई मछली पकड़ना चाहते थे।

नदी किनारे पहुंचने के बाद दोनों दोस्त ने नदी में अपना कांटा फेका और मछली के फसने का इंतजार करने लगे,दोनों एक दूसरे को देखते फिर नदी की तरफ देखते इसी तरह मछली फसने का इन्तजार करते,

फिर थोड़ी देर बाद राजू के कांटे में एक बहुत बड़ी और सुन्दर मछली फस गई मछली के फसते ही राजू बहुत खुश हो गया और दूसरे किनारे में बैठे रामु की तरफ देखकर अपनी खुशी जाहिर की उसने वो मछली अपने पास रखे एक डिब्बे में रख दिया।

 उसके बाद फिर से अपने कांटे को दोबारा नदी में फेंका उसके कांटे में फिर से कई छोटी छोटी मछलिया फस गयी वो बहुत खुश हो गया उसके कांटे में मछलिया जितनी बार डालता उतनी बार फस रही थी।

उसके कांटे में इतनी मछली फसते देख कर दूसरे किनारे में बैठे रामु थोड़ा परेशान हो गया क्युकी उसके कांटे में अभी तक एक भी मछली नहीं फंसी थी ,उसको परेशान देख कर राजू ने कहा अपने मित्र को की यदि कोई मछली नहीं फस रही तो वह उसकी मदद कर सकता है लेकिन रामु ने मना कर दिया।

 ये सोच कर की जब मै यहाँ आया हु तो खुद से ही मछली पकडूँगा करके कुछ देर तक ऐसी चलता रहा फिर करीब दो घंटे बाद रामु के कांटे में भी एक बहुत बड़ी सी मछली फस गयी,रामु ने उस मछली को बाहर निकाला फिर थोड़ी देर उसको देख कर उसे फिर से नदी में डाल दिया।
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ऐसा करते देख कर राजू हैरान हो गया ये सोच कर की इतने देर बाद तो मछली फंसी थी उसको फिर से नदी में कैसे दाल दिया करके लेकिन राजू ने रामु को ऐसा करते देख कर कुछ कहा नहीं थोड़ी देर बाद रामु के कांटे में बहुत से बड़ी बड़ी मछलियां फसने लगी लेकिन रामु उन सभी मछलियों को देखने के बाद नदी में फेंक देता था।

ऐसा बार बार फेकते देख कर राजू हैरान हो गया उसको ये समझ में नहीं आ रहा था आखिर ये मछली को पकड़ कर उसको वापस नदी में क्यों फेंक रहा है, करके फिर कुछ देर बाद रामु को ऐसे बड़ी मछली को फेकते देख कर राजू से रहा नहीं गया,

और राजू ने रामु से पूछा तुम्हारे कांटे में कई बड़ी बड़ी और सुन्दर मछलिया फंसी थी लेकिन तुमने वो सभी मछलियां नदी में फेंक दी ऐसा क्यों ?

फिर रामु ने जवाब दिया वो सभी मछलियां बहुत बड़ी थी,मेरे पास उन बड़ी मछलियों को पकाने के लिए कोई बड़ी बर्तन नहीं है,इसलिए मैंने उन्हें नदी में फेंक दिया,मै कोई छोटी मछली की तलाश में हु जो मेरे बर्तन में आसानी से आ जाए और जिसे मै आसानी से पका के खा सकूँ।

रामु की बात सुन कर राजू जोर जोर से हंसने लगा और रामु को कहा दोस्त अगर तुम्हारे पास बड़ी मछली को पकाने के लिए बड़ी बर्तन नहीं है तो क्या हुआ उस बड़ी मछली को काट कर तुम छोटे बर्तन में भी पका सकते हो।फिर राजू की बात सुन कर रामु को समझ में आया उसके बाद फिर से मछली पकड़ने का प्रयाश करने लगा।

दोस्तों हम में से अधिकतर लोग उस रामु की तरह ही है,एक बड़ा लक्ष्य हासिल करने की जिद्द में हम अपने सामने आये बहुत से छोटे छोटे मौके और अवसरों को नजरअंदाज कर देते है,जिंदगी में मिला हर मौका हमें ख़ुशी से स्वीकार करना चाहिए और उन छोटे छोटे मौके या अवसरों में भी रास्ते ढूँढना चाहिए की कैसे इस छोटे अवसर को बड़ी जीत में बदल सकें।

दोस्तों हमको पता नहीं होता है की कौन से मौका या अवसर हमारे लिए सफल होने का द्वार खोल दे इसलिए हमे जब भी किसी चीज को करने का का मौका या अवसर मिले तो हमें उसी अवसर में सफल होने रास्ता ढूंढना चाहिए।

                        अवसर और सूर्योदय में एक ही 
                                 समानता है.... 
                       देर करने वाले इन्हे खो देते है। 

उम्मीद करता हु दोस्तों इस लेख से आपको काफी प्रेरणा मिली होगी अच्छी लगी हो तो comment में बताए और share जरूर करें। 

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